A sad poem on daughters in hindi ।। Hindi poem on daughters
नमस्ते दोस्तों स्वागत है हमारे ब्लॉग पर आज हम आपके लिए बेटी पर एक कविता लेकर आए हैं। दोस्तो हमारे समाज की सबसे बड़ी समस्या यह है की लोग बेटे और बेटी को अलग नजरिए से देखते हैं। बेटी को कमजोर मानते हैं। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। बेटी तो असीम ऊर्जा से भरी होती हैं। और कोमल ह्रदय के समान होती हैं। हम सायद भूल जाते हैं कि बेटी ही आगे जाकर एक मां बनती हैं। और सब लोग यह तो जानते ही हैं कि मां का ह्रदय कितना कोमल होता है। दोस्तो इस समाज को जितना बेटे की आश्यकता है, उतना ही बेटी का भी आश्यकता है।
बेटी एक ऐसा शब्द जिसे सब जानते है पर मेरी नज़र में क्या है। मैं आपको इस कविता के माध्यम से बताना चाहता हूं।
बेटे की चाहत में जन्म लेती है बेटियां,
त्योहार सी उमंग जगाती है बेटियां।
खाद-पानी उर्जा बेटे को है पर,
बंजर पर लहलहाती है बेटियां।
बेटे की चाहत में जन्म लेती हैं बेटियां”।
सुबह उठने को ठेले जाते हैं बेटे पर,
चाय के साथ रोज जगाती है बेटियां।
खेल सिखाते हैं जिंदगी भर बेटे को पर,
अपने विश्वास से हिमालय पर चल जाती है बेटियां।
बेटे की चाहत में जन्म लेती हैं बेटियां।
मां-बाप के दुख का असर नहीं है बेटे पर,
थोड़ी सी चोट पर छटपटाती है बेटियां।
बेटे के कटु शब्द तीर की तरह लगते हैं पर,
अपने प्यार से इन्हें भर देती हैं बेटियां।
बेटे की चाहत में जन्म लेती हैं बेटियां।
चाहते हैं लोग कुछ खास बने हमारे बेटे पर,
प्रदेश और देश को आगे बढ़ाती है बेटियां।
हर चीज से अवगत कराये जाते हैं बेटे पर,
तारों को भी पहले छू आती है बेटियां।
बेटे की चाहत में जन्म लेती है बेटियां।
अगर न करता कोई भेद बेटे और बेटी में,
तो शायद जलाई ना जाती ये बेटियां।
“बेटे की चाहत में जन्म लेती है बेटियां,
त्यौहारों सी उमंग जगाती है बेटियां।
“बेटे की चाहत में जन्म लेती है बेटियां”।
दोस्तो आशा करता हूं कि यह प्रेरणा दायक कविता आपको पसंद आया होगा। दोस्तो इस कविता को अधिक से अधिक लोगों को शेयर जरूर करें। धन्यवाद!
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