First temple - शास्त्रों से जो संकेत मिलते हैं, उनके अनुसार विश्व का पहला मंदिर राजा परीक्षित के पुत्र, राजा जन्मजय के समय निर्मित हुआ था। यह भगवान श्री कृष्ण का मंदिर था। जन्मजय अर्जुन के पपोत्र और अभिमन्यु के पौत्र थे। वे भगवान श्री कृष्ण के उपासक थे। जब भगवान श्री कृष्ण अपनी सारी लिलाए समाप्त करके बैकुंठ धाम चले गए। तब वेदव्यास के सारे तथ्यों का चिन्तन करने के बाद यह घोषणा की। भगवान श्री कृष्ण ईश्वर थे। वे श्री विष्णु के अवतार थे। जन्मजय श्री कृष्ण की उपासना का कोई अच्छा तरीका खोज रहे थे। यह उपाय ऋषियों ने खोजा। ऋषियों ने चिंतन करके पाया कि, ऋषि जहा भी तपस्या करते हैं, स्तुति करते थे। वह ईश्वर प्रकट हो जाते हैं। अतः ईश्वर का अस्थान सर्वस्थ हैं। किसी भी स्थान पर उनकी आराधना की जा सकती है। इस विचार ने मंदिर की अवधारणा को जन्म दिया। किसी भी साफ सुधरे व पवित्र स्थान को अस्थाई आराधना का स्थल बनाने की बात उठी। अच्छे स्थान का चयन किया गया। वह एक भव्य भवन का निर्माण कराया गया। इसमें श्री कृष्ण की प्रतीकात्मक प्रतिमा स्थापित की गई। प्रतिमा स्थापित करने के पीछे उपदेश यह था कि ईश्वर को अपने
जितने भी महान लोग हुए है वह कोई अलग कार्य नही करते है, बस वह अपने कार्य को अलग तरीके से करते है, इसलिए उनको सफलता मिलती है। आज ऐसे ही महान लोगो के द्वारा बताए गये (motivational quotes) मोटिवेशनल कोट्स आप सभी के साथ शेयर कर रहे है।कोई भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको सिर्फ दो चीजें चाहिए पहला तो दृढ़ संकल्प और दूसरा कभी न टूटने वाला हौसला। लेकिन संघर्ष के रास्ते में जब आपका हौसला कमजोर पड़ने लगे तो उस समय आपको ऐसी जरूरत होती है जो की आपको एक बार फिर से उठकर खड़े होने की प्रेरणा दे। इसलिए आज हम आपको ऐसी ही सफल और महान लोगे के द्वारा दिए गए सफलता के कुछ ऐसे मंत्र को बताने वाले है । जिन्हें आप अपने मुश्किल समय में अपनी ताकत बना कर खुद को आगे बढने के लिए प्रेरित कर सकते है। प्रेरणा देने वाले विचार ।। prernadayak vichar ।। prernadayak status ।। prernadayak suvichar ।। hindi status for life “ कामयाब होने के लोए निरंतर सीखते रहे। सिखने से ही आप अपनी क्षमताओं को पहचान सकते है।” “ ख़ुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नही मिलेगी लेकिन खुश होकर काम करोगे तो ख़ुशी जरूर मिलेगी।” “भाग्य साहसी का स