सोमवार, 18 मई 2020

जैसा आप सोचोगे वैसा ही आप बन जाओगे- positive things motivational story in hindi

Positive things motivational story in hindi


Motivational story in hindi for students ।। motivational story in hindi for every one



स्वामी विवेकानंद जी ने एक महत्वपूर्ण बात कही है। कि जैसा आप सोचते है, वैसा ही आप बन जाते है। अगर आप अपने को शक्तिशाली सामर्थवान मानेगे तो आप कुछ भी कर सकते है। बङी से बङी लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है। वही अगर आप अपने को कमजोर मानेगे तो आसान लक्ष्य प्राप्त करना आपके लिए मुश्किल होगा। इसी से सम्बन्धी दो प्रेरक प्रसंग आप सभी के साथ शेयर कर रहा हु।

हाथी और रस्सी - best motivational story in hindi

एक व्यक्ति रास्ते से गुजर रहा होता है। तब वह देखा की एक विशाल हाथी लकङी के खुटे में एक रस्सी की सहायता से बंधा था। वह व्यक्ति यह देखकर बहुत हैरान हुआ की इतना विशाल हाथी पतली रस्सी की सहायता से एक छोटे खुटे में बंधा है। यह देखकर उस व्यक्ति को बहुत आश्चर्य हुआ। उस व्यक्ति ने हाथी के मालिक से कहाँ की अरे भाई यह हाथी इतना विशाल है फिर भी यह इतनी पतली रस्सी से एक छोटे खुटे में बंधा है। यह चाहे तो इसे एक झटके में तोङ सकता है। तब उस हाथी के मालिक ने कहा श्रीमान जब यह हाथी छोटा था तो मैंने उसी समय से इसी रस्सी से बांधा था। उस समय इसने खुटा उखाड़ने और रस्सी तोङने की पूरी कोशिश की लेकिन यह छोटा था इसलिए यह नाकाम रहा उसने हजारो कोशिश की जब रस्सी नही टूटी तो उसे विश्वास हो गया कि रस्सी बहुत मजबूत है, और वह उसे कभी नही तोङ पायेगा। इस तरह हाथी ने रस्सी तोङने की कोशिश ख़त्म कर दी। आज यह हाथी इतना विशाल हो गया है, लेकिन उसके मन में आज भी यह विश्वास बना हुआ है, की वह रस्सी को नही तोङ पायेगा इसलिए यह इसे तोङने का प्रयास ही नही करता इसलिए आज इतना विशाल हाथी होकर भी यह छोटे खुटे में रस्सी की सहायता से बंधा हुआ है। 


चिङिया और उसका धोसला - motivational story in hindi for students

आप सभी के साथ एक और कहानी शेयर कर रहा हु जो की एक चिङिया की कहानी है।
आप सभी ने चिङिया को घोसला तैयार करते देखा ही होगा। जब वह चिङिया अपने घोंसले को तिनका-तिनका करके तैयार करती है, और वह अपने घोंसले को लगभग तैयार कर लेती है। लेकिन तभी अचानक तेज हवा का झोंका उसके घोसले को नष्ट कर देती है। लेकिन वह चिङिया उस घोसले के नष्ट हो जाने पर शोक अथवा दुखी नही होती है। फिर से वह अपने घोसले को बनाने में जुट जाती है, अंततः वह इसमें सफल हो जाती है।

कहानी का सार

एक तरफ वह विशाल हाथी है जो परिस्थिति के आगे सिर झुका लेती है तो दूसरी ओर छोटा सा चिङिया जो परिस्थिति से लडकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करती है। इसी प्रकार हम सभी के जीवन में समस्या और कठिनाइयां आति रहती है। हमे उसके आगे झुकना नही चाहिए। बल्कि हमे उसका धैर्यपूर्वक सामना करना चाहिये और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। 

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