essay on corruption in hindi।। Bhrastachay par nibandh hindi me।। corruption essay in hindi।।
प्रस्तावना - सामान्य रूप से नीति या विधि विरूद्ध कोई भी कार्य भ्रष्टाचार कि परिभाषा में आता है। पर इस समय पूरे समाज में राजकार्य में ऐसी अराजकता का राज है, मानो सर्वत्र भ्रष्टाचार का ही बोलबाला हो। कोई नियम या कानून की बात सोचता ही नहीं, हर एक उस तोड़ने की फ़िक्र में दिखाई देता है। किसी ने ठीक ही कहा है कि ‘इस समय पूरा देश भ्रष्टाचार के हाथो में बंधक बन गया है।
सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के कारण Causes of corruption in public life
भ्रष्टाचार के प्रसार - समाज का कोई अंग नहीं होगा जो इस समय भ्रष्टाचार से मुक्त हो। विद्यार्थी समाज को ही लीजिए, अधिकतर विद्यार्थी वर्षभर परीक्षा में नकल की योजना बनाते रहते हैं, अधिकांश विधार्थी परीक्षा के लिए पढ़ाई और तैयारी पर उनका ध्यान ही नहीं रहता। जितना की परीक्षा में अवैध साधनों के प्रयोग के तरीके सोचने पर। अगर सरकार ने एक नकल विरोधी कानून बनाया तो उसका घोर विरोध होने लगता है। दूसरे दल ने घोषणा की कि यदि उसकी सरकार बनी तो उनका पहला काम इस नकल विरोधी कानून को निरस्त करना होगा। सचमुच उसकी घोषणा का असर हुआ, आम चुनाव में उसकी जीत हुई और सत्ता संभालते ही उस दल की सरकार नकल विरोधी कानून का कार्यान्वयन स्थगित कर दिया।
किसी भी दिन का कोई भी दैनिक पत्र उठकर देखा जा सकता है, की भ्रष्टाचार इस समय समाज पर किस तरह हावी है। इसके अनगिनत रूप है और इसमें लगातार वृद्धि होती जा रही है। कानून केवल देखने को बनते है, उसके उल्लंघन की बात पहले ही सोच ली जाती है। कोई भी कार्य हो बिना घुस या रिश्वत के नहीं होता। हर कार्य के लिए रिश्वत की रकम तय है। चतुर वे है जो चुपके से उसे अदा करते है और सपना उल्लू सीधा करते हैं। यदि कोई नैतिकतावादी किसी अधिकारी या बाबू से उलझ गया तो समझो उसकी शामत आ गयी है। अतः तब उसे नौ के नब्बे देने पड़ जाते हैं। यह बात हर दिन सरकारी कार्यालय में सम्पन्न होने वाले कार्यों के बारे में कही जा रही है। करोड़ों और अरबों-खरबों रुपये के घोटालों की बात तो मामूली आदमी की समझ में भी नहीं अती। ऐसे घोटालों से लखपति या करोड़पति बने कितने ही राजनेता इस समय भी सत्ता का सुख भोग रहे है। भ्रष्टाचार का दुष्कृत्य ऐसी है कि उसके ओर-छोर का पता लगाना सरकार के लिए भी टेढ़ी खीर होती है और उधर भ्रष्टाचार के आरोपी येन-केन-प्रकारेण सत्ता में बने रहते है। न उन्हें विवेक का दंश तंग करता है, न सामाजिक कलंक का टीका उनके माथे पर दिखाई देता है, प्रत्युत उनके अनुयायियों की संख्या हर दिन बढ़ती ही जाती है।
भ्रष्टाचार के दुष्परिणाम - Side effects of corruption
भ्रष्टाचार उन्मूलन हेतु सुझाव - Tips for eradicating corruption in hindi
भ्रष्टाचार का निवारण - भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए देश की कानून व्यवस्था में आमूल-चूक परिवर्तन किया जाना चाहिए। लोक जीवन में हानि पहुंचने वाले प्रत्येक भ्रष्ट आचरण के लिए कठोर एवं स्पष्ट कानून बनाने चाहिए। प्रशासनिक ढांचे में सुधार किया जाय। भ्रष्टाचार को नियंत्रण करने के लिए देश के लिए देश की कर प्रणाली को सरल तथा स्पष्ट बनाया जाए ताकि कर बचाने के लिए सांठ-गांठ तथा भ्रष्ट तरीको को न अपनाया जा सके। भ्रष्टचार को रोकने के लिए भ्रष्टाचार सम्बन्धी सभी मामलों की जांच को चुस्त एवं निष्पक्ष बनाया जाए, इसके साथ ही भ्रष्टचार के दोषी व्यक्तियों को कठोर दण्ड की व्यवस्था होनी चाहिए। यह तभी संभव है, जब राजनेता और सरकारी अधिकारी पूरी तरह इमानदार हो। किसी भी स्थिति में भ्रष्टाचार के उन्मूलन के लिए शिक्षा प्रणाली में भी सुधार करना चाहिए। प्रारम्भ में ही बच्चो को ऐसी शिक्षा दी जाए, जिससे वे भ्रष्टाचार के विरूद्ध हो।
उपसंहार - इस समय हमारे देश के सामने जितनी चुनौतियां है उनमें भ्रष्टाचार सबसे बड़ी चुनौती है। कोई नहीं बता सकता की इसका अंत किस तरह होगा और कब, यह देेश को लगातार आर्थिक रूप से कमजोर कर रहा है। भ्रष्टाचार के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने होंगे जिससे कि और बुराइयां देश में व्याप्त न हो।