Gautam Buddha story करूणा और मैत्री का संदेश देने वाले भगवान गौतम बुद्ध के प्रेरणा दायक कहानी और प्रेरक प्रसंग हम सभी लोगो के जीवन में एक प्रेरणा का कार्य करती हैं। जिससे व्यक्ति का अज्ञान रूपी अंधकार मीत जाता। और वह अपने मुख्य लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है। ऐसे ही आज हम भगवान बुद्ध की एक प्रेरणा दायक कहानी आपके साथ शेयर कर रहे है।
Inspirational story of Gautam Buddha।। Lord Buddha motivational story in hindi
भगवान गौतम बुद्ध किसी नगर में एक सभा को संबोधित करने वाले थे। भगवान बुद्ध आए, लेकिन बिना कुछ बोले वहाँ से चले गए। उस समय लगभग डेढ सौ श्रोता भगवान बुद्ध के प्रवचन सुनने के लिए आये थे। फिर दूसरे दिन लगभग सौ लोग आए, लेकिन बुद्ध दोबारा बिना कुछ बोले चले गए। इस तरह तीसरे और चौथे दिन बुद्ध आए लेकिन बिना कुछ बोले चले गए, चौथे दिन तो और भी कम लोग आए। पांचवे दिन तो सिर्फ पन्द्रह लोग आए। महात्मा बुद्ध उस दिन बोले और भगवान बुद्ध के प्रवचन को सुनकर वे सभी लोग इतने प्रभावित हुए की वे लोग उनके शिष्य बनकर उनके साथ चल पड़े। उनमे से ही एक व्यक्ति ने भगवान बुद्ध से पुुछा की आपका चार दिन तक कुछ भी नही बोलने का क्या कारण था? इस पर महात्मा बुद्ध ने कहाँ, मुछे भीड़ नही, काम करने वाले लोग चाहिए थे। यहां वे लोग ही टिक पाएंगे, जिनके पास धैर्य होगा।
कथासार- जीवन में सभी लोग तो सफल होना चाहते है लेकिन उनमे से कुछ लोग सफल होते है और कुछ असफल इनमे जो लोग असफल होते है वे लोग किसी भी कार्य को धैर्य और आत्म विश्वास के साथ नही करते है जबकि जो लोग सफल होते है वह किसी भी कार्य को पूरी निष्ठा और कर्तव्य के साथ करते है इसलिए वह सफल होते है।
भगवान बुद्ध की प्रेरणा दायक हिंदी कहानी - story of Gautam Budda
एक बार किसा गौतमी नामक एक स्त्री दुखी अवस्था में भगवान बुद्ध के पास आई, वह बहुत दुखी थी क्योंकि किसा गौतमी को बहुत दिनों बाद पुत्र की प्राप्ति हुई थी। लेकिन एक दिन जहरीले साप के काटने से उसका इकलौता पुत्र मर गया। वह पागल जैसी अवस्था में भागी-भागी भगवान बुद्ध के पास आई और, बोली भगवन मेरे पुत्र को जीवित कर दो, तब भगवान बुद्ध ने उसकी मनोदशा भाप कर उस स्त्री से बोले, किसी मृत्यु रहित घर से सरसो के दाने ले आओ तभी तुम्हारा पुत्र जीवित होगा। भगवान बुद्ध की बातो को सुनकर वह स्त्री सरसो के दाने मांगने को निकली। वह नगर के प्रत्येक घरों को गई। लेकिन उसे एक भी घर मृत्यु रहित न मिला जहां से वह सरसो के दाने मांग सके। तब वह भगवान बुद्ध के पास वापस आती है, भगवान बुद्ध ने उस स्त्री से पूछते है कि क्या तुम्हे सरसो के दाने मिले। तब उस स्त्री ने जवाब दिया नहीं मै नगर के प्रत्येक घरों को गई लेकिन ऐसा कोई घर नहीं मिला जहां पर किसी की मृत्यु न हुआ हो। तब भगवान बुद्ध ने कहा कि इस नाशवान संसार में हर किसी को एक दिन मृत्यु को प्राप्त होना ही है। हमे किसी का सोक नहीं करना चाहिए बल्कि परम शांति का मार्ग अर्थात मुक्ति का मार्ग ढुंढना चाहिए।
भगवान बुद्ध की बातो को सुनकर उस स्त्री का शोक दूर हो गया और वह भगवान बुद्ध की शिष्या बन गई।