inspirational story in hindi ।। Dukh Kyo hai ।। Grief prevention story in hindi ।। Dukh nivaran kahaniya Hindi me
क्या आपके जीवन में भी बहुत सारी समस्या है ? आपके बहुत प्रयास के बाद भी वह समस्या नहीं जाती। या तो एक समस्या समाप्त होती है तभी दूसरी समस्या आ जाती है ऐसे में आपको कुछ समझ नहीं आता कि क्या करे कि इन समस्या से छुटकारा पा सके। ऐसे समस्याओं से लड़ने के लिए आपको एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ - साथ दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। ऐसे ही हम आज आपके लिए कुछ प्रेरणा दायक कहानी लाए है। जिसे पढ़ने से आपके अन्दर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा ऐसे में आप उन सभी समस्याओं से आसानी से लड़ सकते है।
1. कर्ण ने श्री कृष्णा पूछा की मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है - Sri Krishna motivational story
एक बार महाभारत के युद्ध के समय कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा, की मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है? जन्म के बाद मेरी मां ने मुछे छोड़ दिया। द्रोणाचार्य ने शिक्षा देने से मना कर दिया। द्रोपदी के स्वयंवर में मुझे अपमानित किया गया। श्री कृष्ण ने पहले तो मंद- मंद मुस्कुराए और फिर बोले, इस संसार में ऐसा कोई नहीं है, जिसने दुख नहीं उठाया है। मेरा जन्म कारागार में हुआ। जन्म के तुरंत बाद मुझे माता-पिता से अलग होना पड़ा पैदा होने से पहले मृत्यु मेरा इंतजार कर रही थी। यही नहीं जब मै घुटनों के बल भी चल नहीं पा रहा था, तब मुझ पर प्राणघातक हमले हुए। पिता समान मामा ने मुझ बालक पर प्रहार कर मृत्यु के मुख में पहुंचाने का प्रयास किया। जरासंध के प्रकोप के कारण मुझे अपने परिवार को समुद्र के किनारे द्वारका में बसाना पड़ा। किसी का भी जीवन चुनौतियों से रहित नहीं है। महत्व इस बात का है कि हम उन सबका सामना किस प्रकार ज्ञान के साथ करते है।
2. सोच बदलने वाली कहानी - short motivational story in hindi for success
एक बार कुछ युवकों के समूह में सबसे पहले पहाड़ पर चढ़ने की शर्त लगी। सभी युवको ने पहाङ पर चड़ना आरम्भ किया , लेकिन उनमें से तो कुछ युवक पहाड़ पर थोङी ऊपर चढ़ते ही फिसलने लगे वह डर की वजह से आशा छोङकर वापस नीचे उतर आये और उनमें से कुछ ने तो साहस करके पहाड़ केे मध्य भाग तक तो पहुच गये लेकिन पहाड़ काफी ऊंचा था इसलिए उनमे से जो लोग बीच तक चढ़े थे डर कि वजह से वापस नीचे उतर आतेे है।
लेकिन उनमें से एक युवक ने आशा नही छोङा वह बिना डरे पहाड़ पर चढ़ता जा रहा था। उस युवक को उनके सभी साथी ने पहाड़ पर और ऊपर चढ़ने से रोकने लगे और कहने लगे की पहाड़ बहुत ऊँचा है, और ऊपर मत चढ़ नही तो गिरेगा तो बचेगा नही। लेकिन वह युवक चढ़ता गया और अंत में पहाड़ के चोटी पर पहुच गया। क्या आप जानते है कि वह युवक पहाड़ के ऊपरी चोटी पर क्यों चढ़ पाया। क्योंकि वह युवक कानो से बहरा था। जब वह पहाड़ पर अकेला चढ़ा जा रहा था। तब उसके सभी दोस्त उसको पहाड़ पर और ऊपर चढ़ने से मना कर रहे थे। तब उसको लगा की वह सब उसका उत्साह बढ़ा रहे है। और कह रहे है, कि तू पहाड़ की चोटी पर चढ़ सकता है, तू ही यह कार्य कर सकता है। इसलिए ही वह पहाड़ की चोटी पर वह अकेेेले चढ़ सका।
अगर आपको जीवन में सफलता पानी है तो कानो से बहरे बनो कौन क्या कहता है, यह मत ध्यान दो ,बस अपने लक्ष्य पर ध्यान दे।
3. दुःख क्यों है - best inspiration story
एक संत थे। उनके शिष्य आश्रम में रहकर अध्यन करते थे। एक दिन एक महिला उनके पास दुखी अवस्था में आयी और बोली, बाबा मैं लाख प्रयासों के बाद भी अपना मकान नहीं बनवा पा रही हूं। मेरे रहने का कोई निश्चित स्थान नहीं है। मैं बहुत अशान्त और दुखी हूं। कृपया मेरी मदद कीजिए। संत ने कहा, हर किसी के पास पुश्तैनी जायदाद नहीं मिलती। अपना मकान बनवाने के लिए तुम्हे ईमानदारीपूर्वक धनोपार्जन करना होगा, तभी मकान बन पायेगा और तुम्हें मानसिक शान्ति भी मिलेगी। वह महिला वहा से चली गयी। इसके बाद एक शिष्य ने संत से बोला, गुरुजी सुख तो समझ में आता है, लेकिन दुख क्यों है? यह समझ में नहीं आता। शिष्य की बात सुनकर संत ने कहा, मुझे नदी के उस पार जाना है। तुम मेरे साथ चलो। इसका जवाब मै तुम्हें नाव में दूंगा। दोनों नाव में बैठ गये संत ने एक चप्पू से नाव चलानी शुरू की। एक ही चप्पू से चलाने के कारण नाव गोल-गोल घूमने लगी, तो शिष्य बोला, अगर आप एक ही चप्पू से नाव चलाते रहे, तो हम यही भटकते रहेंगे, कभी किनारे पर नहीं पहुंच पाएंगे। संत बोले यही तो तुम्हारे सवाल का जवाब भी है। अगर जीवन में सुख ही सुख होगा, तो जीवन नैया यो ही गोल गोल घुमती रहेगी और कभी भी किनारे पर नहीं पहुंच पाएगी जिस तरह नाव को साधने के लिए दो चप्पू चाहिए, कार्य करने के लिए दो हाथ चाहिए उसी तरह जीवन में सुख के साथ दुख भी होना चाहिए। संत की बात शिष्य को समझ में आ गयी
दोस्तों यह प्रेरणा दायक कहानी आपको पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो को शेयर जरूर करें धन्यवाद।