इस संसार में जितने भी महान लोग हुए है वे जब अपने तय लक्ष्य की ओर अग्रसर हुए है, उनके सामने भी तमाम तरह की बाधाए उन्हें रोकने का प्रयास किए है। लेकिन वे अपने दृण इच्छाशक्ति के बदौलत इन सभी बाधाओं को पार किए और इस कारण ही वे अपने तय लक्ष्य को प्राप्त कर पाएं। हम सभी को भी ऐसी ही दृण इच्छाशक्ति अपने अंदर लाना है, जिससे इन सभी बाधाओं को हम भी आसानी से पार कर सके। तो दोस्तो आपके अंदर दृण इच्छाशक्ति लाने के लिए आज हम आपके लिए कुछ motivational poetry hindi लेकर आए हैं। जो आपके अन्दर असीम ऊर्जा भर देगी।
मोटिवेशनल कविता हिंदी में - motivational kavita hindi me
सकारात्मक सोचिए
आपकी जिंदगी बदल जायेगी
जीवन अंधकार में है
थोड़ी सी रोशनी मिल जाएगी।
उस रोशनी में
एक नई राह नजर आएगी
निराशा को भूलकर
आशा की जोत जलाइये,
नफरत, ईर्ष्या, अहंकार को भूलकर,
प्यार का सागर बहाइए
सकारात्मक सोचिए आपकी जिंदगी बदल जायेगी।
संघर्ष पर कविता - motivational poem in hindi
वो आकाश क्या जिसमें तारे ना हो,
वो सागर क्या जिसमें गहराई ना हो,
वो पथ क्या जो पथरीले ना हो,
वो जीवन क्या जिसमें संघर्ष ना हो,
वो सूर्य क्या जिसमें तपन ना हो,
वो चांद क्या जिसमें शीतलता ना हो,
वो बरसात क्या जिसमें बिजली ना हो,
वो जीवन क्या जिसमें प्रकाश ना हो,
वो बाग क्या जिसमें हरियाली ना हो,
वो डाली क्या जिसमें कांटे ना हो,
वो तथ्य क्या जिसमें तर्क ना हो,
वो वास्तु क्या जो संभव ना हो,
वो कहानी क्या जिसका अंत ना हो,
वो पतन क्या जो आजाद ना हो,
वो कर्म क्या जिसमें लगन ना हो,
वो जन्म क्या जिसका कोई लक्ष्य ना हो,
जीवन से जुड़ी प्रेरणा दायक कविता - hindi poetry on life
अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता
मिलो हो फांसले हारो मत हौसले
लक्ष्य पाने के लिए केवल समर्पण चाहिए
कुछ कर गुजरने के लिए, अनुकूल मौसम नही दृण मन चाहिए।
हिम्मत हारे मत बैठो
जीवन में कुछ करना हो तो
मन मारे मत बैठो
जीवन में आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो
पग-पग चलने वाला मंजिल पाता, जो ठहरा पीछे रह जाता।
ठहरा पानी बहने लगता
बहता पानी निर्मल हो जाता
तेज चलने वाला खरहा (खरगोश) दो पग चलकर हार गया।
धीरे-धीरे चलकर देखो कछुआ बाजी मार गया।
विद्यार्थियों के लिए प्रेरक कविता - hindi poetry
नीड़ (घोंसला) उजड़ जाने से पंक्षी,
शोक नही मानते हैं।
पंख जिनकी ताकत है,
वो फिर से नीड़ बनाते हैं,
नीड़ उजड़ जाने से पंक्षी
शोक नही मानते हैं।
कटा अंगूठा एकलव्य का
गुरु मंत्र सिखाता है।
हिम्मत जिसकी पूंजी है,
वो मंजिल को पा जाता है
नीड़ उजड़ जाने से पंक्षी
शोक नही मानते हैं।
धीरज के तट से टकराकर
सब तूफान मिट जाते हैं।
मेहनतकश इंसान के आगे
देव भी शीश झुकाते हैं।
नीड़ उजड़ जाने से पंक्षी
शोक नही मानते हैं।
भाग्य भरोसे रहने वाले
मिट्टी में मिल जाते हैं।
तूफानों से जूझने वाले
स्वयं इतिहास बनाते हैं।
नीड़ उजड़ जाने से पंक्षी
शोक नही मानते हैं।
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