हिंदी में विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित छोटी नैतिक कहानी - Small moral story related to science and technology in Hindi


जो भी करे , सोच- समझकर करे अल्फेड नोबेल की प्रेरणा दायक कहानी। Moral  story in hind


आज आपको एक महान वैज्ञानिक के बारे में बताने जा रहा हु, जिनका नाम अल्फ्रेड नोबेल है।

अल्फ्रेड नोबेल के जीवन में एक घटना घटी और वह घटना उनकी जीवन बदल दी। एक प्रयोग करते समय नाइट्रोग्लिसरीन ब्लास्ट हो गया जिसमें उनके भाई की मौत हो गयी। और अगली सुबह जब अल्फ्रेड नोबेल ने अखबार पढे तो वह शौक रह गये क्योकि उस पेपर में उनके भाई की मौत की खबर न लिखकर अल्फ्रेड का नाम लिखा था और उसमें फ्रेंच भाषा में कुछ लिखा था जिसका अर्थ होता है। मौत का सौदागर मर गया। दरसल अल्फ्रेड नोबेल ने डायनामाइट का अविष्कार किया था शुरुआत में इसका उपयोग चट्टान को तोङकर रोड बनाये जाते थे। लेकिन बाद में इसका उपयोग युद्ध के क्षेत्र में होने लगा जिससे जान-मान की हानि होने लगी इसलिए लोग इनको मौत के सौदागर के नाम से पुकारने लगे।

यह उनके लिए बडा आघात था। उन्होंने मन ही मन सोचा , क्या उनके मारने के बाद लोग उन्हे इसी तरह याद करेंगे? यह दिन उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट बन गया। उसी दिन से वह डाइनामाइट आविष्कारक विश्वशांति और समाज कल्याण के लिए काम करने लगे। मृत्युपूर्व उन्होंने अपनी कुल सम्पति उन लोगो को पुरष्कार देने के लिए दान दे दी, जो विज्ञान और समाज कल्याण के क्षेत्र में उक्तृष्ट काम करते है। 

आज उन्ही के नाम पर हर वर्ष अलग-अलग क्षेत्र में नोबेल प्राइज दिए जाते है। आज उन्हें मौत के सौदागर के रूप में नही, बल्कि एक महान वैज्ञानिक और समाज सेवी के रूप में याद किया जाता है, जीवन का एक क्षण भी हमारे मूल्यों और जीवन की दिशा को बदल सकता है। यह हमें सोचना है कि यहाँ हम की तरह याद किये जाना चाहते है? हम आज क्या करते है। यही निश्चित करेगा की कल हमे लोग किस तरह याद करेंगे। इसलिए हम जो भी करे सोच-समझ कर करे। कही अनजाने में हम मौत के सौदागर जैसे यादे न छोङ जाएं। जिस तरह नोबेल ने अपने जीवन को बदला , ठीक उसी तरह हमें भी अपना जीवन बदलने की कोशिश करनी चाहिए और सकारात्मक कार्य करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे सभी देश और समाज का भला हो।


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