Holi poem in hindi नमस्ते दोस्तो हम आपके लिए आज होली पर कविता लेकर आए हैं। अन्याय कितना भी बड़ा क्यों ना हो, लेकिन जीत हमेशा सत्य की होती हैं जीवन में कितनी भी कठिनाई आए कभी निराश मत होना, बस सत्य और नैतिकता के मार्ग पर अग्रसर रहना फिर देखना आप जब कामयाब होंगे तो दुनिया आपको सलाम करेगी।
हर एक रांझे को मिल जाए,
जो उसकी हीर होली में।
चटक रंगो में घुल जाए,
जो दिल की प्रिय होली में।
हमारे दिल में जो प्यारा सा रंग बसता हैं,
उसे अपने दिल में घोल के तो देखो।
विजेता है जिन्हे स्वीकार हर हार होली में,
मैं मंदिर से निकल आऊ,
तुम मस्जित से निकल आना।
तो मिल कर हम लगाएंगे,
गुलाले प्यार होली में।
मोहब्बत की पिए, हम सब मिलाकर भंग होली में,
मेरे ईश्वर मेरे अल्लाह हिंदुस्ता पर चढ़ जाए।
भगत सिंह का दुलारा ओ,बसंती रंग होली है।
लेखक - कुमार विश्वास
प्यारा सा कविता होली पर - Holi poem in hindi
कोई दीवाना कहता,
कोई पागल समझता है।
मगर धरती की बेचैनी,
बस ओ बादल समझता है।
मैं तुझसे दूर कैसी हुं,
तू मुझसे दूर कैसा है।
ये तेरा दिल समझता है,
या मेरा दिल समझता है।
मोहब्बत एक एहसासों की,
पावन प्रिय कहानी है।
कभी कबीरा दीवाना था,
कभी मीरा दीवानी थी।
यहां सब लोग कहते हैं,
मेरे आंखों में आंसू है।
जो तू समझे तो मोती है,
ना समझे तो पानी है।
लेखक - देवी
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- सभी को हंसाने वाली मजेदार हास्य कविता
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